अमंत्रं अक्षरं नास्ति , नास्ति मूलं अनौषधं ।
अयोग्यः पुरुषः नास्ति, योजकः तत्र दुर्लभ: ॥
— शुक्राचार्य
कोई अक्षर ऐसा नही है जिससे (कोई) मन्त्र न शुरु होता हो , कोई ऐसा मूल (जड़) नही है , जिससे कोई औषधि न बनती हो और कोई भी आदमी अयोग्य नही होता , उसको काम मे लेने वाले (मैनेजर) ही दुर्लभ हैं

मंगलवार, 23 नवंबर 2021

 दिनांक 23.11.2021 को चौ॰ चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के प्रेक्षागृह में हिंदी विभाग और अमर उजाला के संयुक्त तत्वाधान में विधार्थियों को रोजगार से संबंधित जानकारी देने के लिए ‘उडान‘ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के अध्यक्ष मा॰ कुलपति प्रो॰ नरेन्द्र कुमार तनेजा ने कहा कि रोजगार पाने के लिए विद्यार्थियों को अपनी योग्यता को बढाना होगा और ऐसा जीवन जीने की आदत डालनी होगी जो सफलता के लिए आवश्यक है। आज की काउंसिलिंग इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है और विद्यार्थियों के लिए लाभप्रद है। 
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संकायाध्यक्ष कला, विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग चौ॰ चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ प्रो॰ नवीन चन्द्र लोहनी ने कहा कि सफलता के लिए विद्यार्थीयों को विभिन्न कौशलों का विकास करना चाहिए और अपनी रूचि के विषय पढ़ने चाहिए। नई शिक्षा नीति और भारतीय शासन ने ऐसी व्यवस्थाऐं की है कि हम अपनी योग्यता के अनुसार रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। हिंदी के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के बाद करते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया अनुवाद, मंत्रालयों, शोशल मीडिया में हिंदी भाषा के बढ़ते प्रयोग ने रोजगार मे अनंत अवसर खोले है।
प्रो॰ कमल किशोर पंत, आई॰आई॰टी दिल्ली ने कहा कि भाषा ज्ञान के रास्ते की रूकावट नहीं हैं। अपने तथ्यों को स्पष्ट रखिये जिस संस्था मे आप रोजगार चाहते है उस संस्था के लिए आपके पास क्या विशेष है यह बहुत जरूरी है। रचनात्मक सोच आपको आगे बढाती है। उपर जाने वाली हर सीढ़ी महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने स्टार्टप के क्षेत्र मेें रोजगार के रास्ते को व्यापक रूप प्रस्तुत किया। अपने वक्तव्य के अंत में उन्होंने विद्यार्थीयों के प्रश्नो के उत्तर दिए।
इस क्रम मे श्री बालेन्दु शर्मा, दाधीच निदेशक माईक्रोसॉफ्ट गुरूग्राम ने कहा कि अधिक अंको से सफलता नहीं आती। कौशल विकास ही सफलता के लिए जरूरी है। आत्मविश्वास, सिखने की लगन और कठिन परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। अपनी क्षमताओं को पहचानकर आई॰टी॰ के क्षेत्र मे रोजगार की अंनत सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थीयों को रोजगारपरक शिक्षा देना चाहिए। प्राथमिक स्तर पर ही अपना लक्ष्य निश्चित होना चाहिए। आत्मविश्वास के साथ रोजगार के क्षेत्र में प्रवेश करें। बदलते समय और परिवेश मंे भारत उपनिवेश का बहुत बड़ा गढ़ है विश्व की बड़ी-बड़ी कम्पन्नी भारत में निवेश कर रहीं है जिससे रोजगार के क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है। सोशल मीडिया में रोजगार की संभावना पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में शुरूआत करक अच्छे आप प्राप्त की जा सकती है। यह भी रोजगार का अच्छा क्षेत्र है। अपने वक्तव्य के अंत में उन्होंने विद्यार्थीयों के प्रश्नो के उत्तर दिए।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षक कर्मचारी और छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की।

शनिवार, 20 नवंबर 2021