अमंत्रं अक्षरं नास्ति , नास्ति मूलं अनौषधं ।
अयोग्यः पुरुषः नास्ति, योजकः तत्र दुर्लभ: ॥
— शुक्राचार्य
कोई अक्षर ऐसा नही है जिससे (कोई) मन्त्र न शुरु होता हो , कोई ऐसा मूल (जड़) नही है , जिससे कोई औषधि न बनती हो और कोई भी आदमी अयोग्य नही होता , उसको काम मे लेने वाले (मैनेजर) ही दुर्लभ हैं

मंगलवार, 5 नवंबर 2013

प्रख्यात आलोचक डा० परमानन्द श्रीवास्तव का निधन



प्रख्यात आलोचक डा० परमानन्द श्रीवास्तव का निधन 

प्रख्यात आलोचक डा० परमानन्द श्रीवास्तव
राजेन्द्र यादव, सूफी गायिका रेशमा और अब प्रख्यात आलोचक डा० परमानन्द श्रीवास्तव का निधन हो जाना, न भरी जाने वाली गहरी क्षति है। वे वेन्टिलेटर पर थे, सुधार हो रहा था। हम सभी को विश्वास था कि स्वस्थ हो जायेंगे, लेकिन चले गये। इस दुख की घड़ी में हमारी समवेदना उनके परिवार के साथ है। उन्हे हार्दिक श्रद्धांजलि!

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