दुनिया का सबसे ताकतवर आदमी उतर गया हमारी धरती पर
(अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत आगमन पर)
-महेश आलोक
दुनिया का सबसे ताकतवर आदमी उतर गया हमारी धरती पर
और हम खुश हैं
वह हमें देखेगा। छुएगा। हम
सोना हो जाएंगे
धन है। बल है। छल है। कल है
हर समस्या का हल है उसके पास
उसके चलते ही हमारी सड़कें नयी हो जाएंगी
जैसे गांधी नए हो जाएंगे
उनकी समाधि नयी हो जाएगी
हमारे समुद्र हमारी नदियां हमारे पेड़
हमारी संसद नयी हो जाएगी
उसकी दबंगई से हमारे ईश्वर नए हो जाएंगे
हम खुश हैं कि ताकतवर आदमी खुश है
हम खुश हैं कि हम अपनी नागरिकता का शुल्क
अदा कर रहे हैं
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4 टिप्पणियाँ:
'असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय ' यानी कि असत्य की ओर नहीं सत्य की ओर, अंधकार नहीं प्रकाश की ओर, मृत्यु नहीं अमृतत्व की ओर बढ़ो ।
दीप-पर्व की आपको ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं ! आपका - अशोक बजाज रायपुर
ग्राम-चौपाल में आपका स्वागत है
http://www.ashokbajaj.com/2010/11/blog-post_06.html
अद्भुत कविता है। बधाई!
बहुत ही सुंदर महेश जी ...पूंजीवादी व्यवस्था पर बहुत ही अच्छा कटाक्ष ..
महेश जी, मारक कविता है।बधाई। ऎसे ही लिखते रहें।
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